Mahila Udyami Yojana (MMUY, बिहार) — पूरा मार्गदर्शक
देशभर में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के लिये विभिन्न योजनाएँ चल रही हैं। इन्हीं में से एक है – मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना (MMUY, बिहार)। इस योजना का उद्देश्य है महिलाओं एवं ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को स्वरोजगार के अवसर देना, उन्हें स्वयं का व्यवसाय शुरू करने या चलाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना और व्यवसायिक कौशल से लैस करना। बिहार की मुख्यमंत्री Mahila Udyami Yojana (MMUY) के तहत जानिए कैसे महिलाएँ पा सकती हैं 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता – कितना अनुदान होगा, ऋण कैसे मिलेगा, पात्रता क्या है, आवेदन प्रक्रिया, प्रशिक्षण और लाभ सहित हर महत्वपूर्ण जानकारी।
Mahila Udyami Yojana क्या है?
पूरा नाम: Mukhyamantri Mahila Udyami Yojana
राज्य: बिहार सरकार
लक्ष्य: महिलाओं और ट्रांसजेंडर को उद्यम स्थापित करने में सहायता, स्वरोजगार को बढ़ावा, आत्मनिर्भरता हासिल करना।
वित्तीय सहायता की राशि: ₹10,00,000 (दस लाख रुपए) तक की सहायता प्रदान की जाती है।
Mahila Udyami Yojana के प्रमुख लाभ (Key Benefits)
1. अनुदान + ऋण का मिश्रण
₹10 लाख की सहायता में से ₹5 लाख अनुदान (grant) होगा, जिसे वापस चुकाना नहीं है। बाकी ₹5 लाख ब्याज-मुक्त ऋण (interest-free loan) होगा।
2. ऋण चुकाने की शर्तें
एक साल की grace period होगी (यानी ऋण लेने के बाद पहला साल आप चुकता नहीं करते)। इसके बाद ऋण की किस्तें नियमित मासिक किश्तों (installments) में चुकानी होंगी; कुल अवधि सामान्यतः 84 महीने अर्थात 7 वर्ष।
3. प्रशिक्षण सहायता
योजना के अंतर्गत चयनित लाभार्थियों को उद्यम-कौशल प्रशिक्षण देना अनिवार्य है। यह प्रशिक्षण व्यवसाय प्रबंधन, वित्त प्रबंधन, मार्केटिंग आदि विषयों पर होगा। प्रशिक्षण की लागत के लिए प्रति इकाई (प्रशिक्षण इकाई) कुछ राशि निर्धारित है (उदा. ₹25,000)।
4. औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीतियों का लाभ
यह योजना बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 के दायरे में आती है, जिससे कुछ कर रियायतें, प्रोत्साहन आदि मिल सकते हैं।
Mahila Udyami Yojana पात्रता (Eligibility Criteria)
शर्त | विवरण |
---|---|
स्थायी निवास | आवेदक को बिहार की स्थायी निवासी होना चाहिए। |
लिंग | महिला या ट्रांसजेंडर व्यक्ति। |
उम्र | 18 से 50 वर्ष की उम्र के बीच होना चाहिए। |
शैक्षणिक योग्यता | कम-से-कम इंटरमीडिएट (10+2) या समकक्ष जैसे ITI / पॉलिटेक्निक डिप्लोमा उत्तीर्ण हो। |
व्यवसाय का स्वरूप | व्यवसाय इकाई – एकल मालिकाना, साझेदारी, एलएलपी, प्राइवेट लिमिटेड आदि हो सकता है। |
दूसरी योजनाओं का लाभ | यदि आप किसी अन्य सरकार की समान वित्तीय सहायतायुक्त उद्यम योजना का लाभ ले रही हैं, तो उस स्थिति में पात्रता पर असर हो सकता है। (यह स्थिति विभिन्न दिशानिर्देशों पर निर्भर करता है) |
Mahila Udyami Yojana आवेदन प्रक्रिया (How to Apply)
- बिहार सरकार के औद्योगिक विभाग या उद्यमी पोर्टल (Industries Department / Udyami Portal) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
- “Mukhyamantri Mahila Udyami Yojana” के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन प्रपत्र भरें। आवश्यक विवरण जैसे नाम, पता, व्यवसाय प्रस्ताव, शैक्षणिक प्रमाणपत्र आदि देने होंगे।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें, जैसे कि आधार कार्ड, निवास प्रमाणपत्र, शैक्षणिक प्रमाणपत्र, व्यवसाय प्रस्ताव की रूपरेखा, बैंक खाता विवरण आदि।
- आवेदन जमा करें। आवेदन सत्यापन प्रक्रिया होगी, जिसमें आपकी पात्रता, व्यवसाय प्रस्ताव की व्यवहार्यता आदि जाँचे जाएंगे।
- चयनित लाभार्थी को प्रशिक्षण सत्रों के लिए बुलाया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा करना अनिवार्य है ताकि व्यवसाय को सुचारु रूप से चलाया जा सके।
- अनुदान और ऋण की राशि बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी। ऋण भाग का भुगतान किस्तों में शुरू होगा, अनुदान भाग वापस नहीं देना होगा।
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Mahila Udyami Yojana महत्वपूर्ण बिंदु और सावधानियाँ
- ऋण ब्याज-मुक्त है लेकिन पुनर्भुगतान (repayment) की समय सीमा एवं किस्तें नियमित रूप से पूरी करनी होंगी। चूक होने पर योजना से बाहर होना पड़ सकता है।
- व्यवसाय प्रस्ताव (business plan) की व्यवहारिकता (viability) और प्रस्तावित गतिविधि की मांग/बाजार संभावना (market potential) ज़रूरी है।
- प्रशिक्षण सत्रों में उपस्थित होना अनिवार्य है। प्रशिक्षण के लाभ न लेने पर आवेदन अमान्य हो सकता है।
- दस्तावेजों की शुद्धता और प्रमाणिकता सुनिश्चित करें, गलत जानकारी देने से आवेदन निरस्त हो सकता है।
- योजना के निर्देश और दिशानिर्देश समय-समय पर बदल सकते हैं; आवेदन से पहले आधिकारिक निर्देश जांचें।
उदाहरण: Mahila Udyami Yojana से कैसे फायदा हो सकता है?
मान लीजिए सीमा देवी, उम्र 30 वर्ष, पटना की स्थायी निवासी हैं। उन्होंने इंटरमीडिएट किया है और उन्हें सिलाई-कढ़ाई का व्यवसाय शुरू करना है।
वे अपना व्यवसाय प्रस्ताव तैयार करेंगी (कितना निवेश होगा, क्या उपकरण चाहिए, मार्केटिंग कैसे होगी)। आवेदन करेंगी MMUY के लिए और ₹10 लाख की सहायता प्राप्त करेंगी: ₹5 लाख अनुदान + ₹5 लाख ऋण।
पहले एक साल वे ऋण चुकाएँगी नहीं, सिर्फ व्यवसाय शुरू करेंगी और प्रशिक्षण पूरा करेंगी। बाद में ऋण की किस्तों को 84 महीनों में विभाजित करेंगी, मासिक किस्तों का पालन करेंगी। व्यवसाय चलने पर आय होगी, आत्म-निर्भर बनेंगी।
Mahila Udyami Yojana ताज़ा अपडेट
सूत्रों के अनुसार ये योजना राज्य सरकार के औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के अन्तर्गत आती है। प्रशिक्षण की प्रति इकाई राशि लगभग ₹25,000 निर्धारित है। योजना 2025 के आसपास और योजनाबद्ध तरीके से लागू की जा रही है और आवेदन पोर्टल सक्रिय है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. मैं किस प्रकार का व्यवसाय प्रस्ताव तैयार कर सकती हूँ, क्या यह कृषि / गैर-कृषि कोई फर्क नहीं पड़ता?
→ हां, व्यवसाय प्रस्ताव कृषि से संबंधित हो सकता है या गैर-कृषि जैसे निर्माण, उत्पादन, सेवाएँ, व्यापार आदि। लेकिन प्रस्ताव व्यवहारिक होना चाहिए, अर्थव्यवस्था से जुड़ी के अध्ययन होना चाहिए और मार्केट की मांग का विश्लेषण होना चाहिए।
2. ऋण किस्तों का भुगतान कैसे और कब शुरू होगा?
→ योजना में एक साल का grace period होता है। उसके बाद ऋण किस्तें मासिक चुकानी होंगी, सामान्यतः 84 महीनों में विभाजित। अधिक जानकारी के लिए ऋण दस्तावेजों को ध्यान से देखें।
3. अनुदान राशि (grant) क्या वापस करनी होगी?
→ नहीं, अनुदान भाग वह राशि है जो सरकार देती है और जिसे वापस नहीं करना होता। केवल ऋण भाग और उसकी किस्तों का भुगतान करना होगा।
4. प्रशिक्षण अच्छा नहीं मिला तो क्या होगा?
→ प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है। अगर प्रशिक्षण पूरा नहीं किया जायेगा, तो आवेदन अमान्य हो सकता है या सहायता मिलने में समस्या आ सकती है। प्रशिक्षण में भागीदारी की साक्ष्य (attendance आदि) जमा करना पड़ सकता है।