Sakhi Niwas Scheme से महिलाओं को मिलेगी सुरक्षा और सहारा
आज की बदलती सामाजिक और आर्थिक संरचना में महिलाएं शिक्षा, नौकरी और प्रशिक्षण के लिए अपने गांव-शहरों से दूर बड़े शहरों की ओर बढ़ रही हैं। लेकिन इस राह में सबसे बड़ी रुकावट है – सुरक्षित और किफायती निवास।
इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने महिलाओं के लिए एक सराहनीय योजना शुरू की है – “सखी निवास योजना”। Sakhi Niwas Scheme के तहत नौकरी या प्रशिक्षण के लिए दूसरे शहर जाने वाली महिलाओं को अब सुरक्षित और सस्ती रहन-सहन की सुविधा मिलेगी। जानिए पात्रता, लाभ, आवेदन प्रक्रिया और पूरी जानकारी इस ब्लॉग में।
सखी निवास योजना क्या है?
सखी निवास योजना का उद्देश्य है नौकरी या प्रशिक्षण के लिए दूसरे शहरों में जाने वाली महिलाओं को सुरक्षित, सस्ते और सम्मानजनक आवास की सुविधा प्रदान करना। यह योजना 2023 में शुरू हुई थी और अब 2025 में इसे और मजबूती से लागू किया जा रहा है।
Sakhi Niwas Scheme के तहत:
- राज्य या केंद्र सरकार की मान्यता प्राप्त संस्थाएं महिला निवास गृह (Working Women Hostel) स्थापित कर सकती हैं।
- ऐसे शहरों को प्राथमिकता मिलेगी जहाँ महिलाएं नौकरी या पढ़ाई के लिए अधिक संख्या में आती हैं।
Sakhi Niwas Scheme के उद्देश्य
- महिलाओं को दूसरे शहर में सस्ती और सुरक्षित आवास सुविधा देना
- किराए की जगह पर होने वाले शोषण से सुरक्षा
- आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को बढ़ावा देना
- एक सामूहिक और सुविधाजनक वातावरण उपलब्ध कराना
Sakhi Niwas Scheme का लाभ किन्हें मिलेगा?
- नौकरी करने वाली महिलाएं (आय < 50,000 रुपए/माह)
- प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाएं
- तलाकशुदा, विधवा, असहाय या संकटग्रस्त महिलाएं
- SC/ST/OBC और अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाएं
कहां बनाए जाएंगे सखी निवास?
उन शहरों में जहां नौकरी या प्रशिक्षण के लिए महिलाओं का ज्यादा आना-जाना होता है, जैसे अमरावती। हालांकि कई स्थानों पर फंडिंग की कमी के कारण यह योजना पूरी तरह कार्यान्वित नहीं हो पा रही।
Sakhi Niwas Scheme की आर्थिक संरचना
- 60% खर्च केंद्र सरकार
- 40% खर्च राज्य सरकार
- एकमुश्त अनुदान भवन खरीदने, किराए पर लेने, मरम्मत और सुविधाओं के लिए
- किराए के भवन के लिए भी विशेष सहायता
हॉस्टल और किराए के घरों में सुरक्षा की समस्या
- सुरक्षित हॉस्टल की कमी
- कई मकान मालिक अकेली महिला को किराए पर घर नहीं देते
- कई बार शोषण और मानसिक उत्पीड़न का सामना
सखी निवास योजना इस सामाजिक असंतुलन को सुधारने का प्रयास है।
अमल में आने में क्या हैं मुख्य अड़चनें?
- सरकारी सहयोग की कमी
- भवन की अनुपलब्धता
- अनुदान की देरी
- योजना की जानकारी का अभाव
Sakhi Niwas Scheme को और प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है?
- स्थानीय NGOs और ट्रस्ट को जोड़ा जाए
- ऑनलाइन पोर्टल बनाकर आवेदन प्रक्रिया शुरू हो
- हर जिले में पायलट प्रोजेक्ट लागू किया जाए
- महिला सुरक्षा ऑडिट के बाद स्थान तय किए जाएं
- प्रशासन की जवाबदेही तय हो
कैसे करें आवेदन?
फिलहाल यह योजना केवल सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थाओं के माध्यम से चलाई जा रही है। भविष्य में एक “सखी निवास पोर्टल” के जरिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू की जा सकती है।
अधिक जानकारी के लिए इस अधिकारिक वेबसाइट को अवश्य भेट दे
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. सखी निवास योजना किसके लिए है?
उन महिलाओं के लिए जो नौकरी या प्रशिक्षण के लिए दूसरे शहरों में जाती हैं और जिन्हें सुरक्षित तथा सस्ती आवास की जरूरत होती है।
Q2. आय सीमा क्या होनी चाहिए?
महिला की मासिक आय 50,000 रुपए से कम होनी चाहिए।
Q3. क्या किराए के भवन में योजना लागू हो सकती है?
हाँ, सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थाएं किराए पर लिए गए भवन में भी योजना लागू कर सकती हैं।
Q4. क्या यह योजना सभी जिलों में लागू है?
नहीं, यह अभी चुनिंदा जिलों जैसे अमरावती में चालू है। अन्य जिलों में विस्तार की योजना है।
निष्कर्ष
सखी निवास योजना उन महिलाओं के लिए एक संवेदनशील और आवश्यक पहल है जो आत्मनिर्भर बनने के लिए अपने घरों से दूर निकलती हैं। सरकार को चाहिए कि इस योजना को हर जिले में प्रभावी रूप से लागू करे और महिलाओं को सुरक्षित, सम्मानजनक और किफायती निवास प्रदान करे।
अगर आप या आपकी कोई जान-पहचान वाली महिला इस स्थिति में है, तो इस योजना की जानकारी जरूर साझा करें।